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8 Feb 2019 · 1 min read

आती है याद जब कभी उनको मेरी किसी बक्त –आर के रस्तोगी

आती है याद,जब कभी उनको मेरी किसी बक्त
अपनी धडकनों को उनकी धडकनों से मिला देता हूँ

मिल जाते है जब कभी मोहब्बत के पैमाने मैखाने में
अपने हिस्से के जाम को भी उनको पिला देता हूँ

लगती है जब कभी भूख मुझको मोहब्बत की
अपने हिस्से का खाना भी उन्हें खिला देता हूँ

बिछड़ते है जब कभी,हम मोहब्बत की डगर पर
ख़ुद तो रोता हूँ,उनको भी रुला देता हूँ

आती नहीं नींद जब कभी,तारे गिनता रहता हूँ
भले ही मै न सोऊ,उनको तो सुला देता हूँ

मोहब्बत में कभी ऐसा भी होता है,सुन रस्तोगी
अपने को भी भूल जाता हूँ उनको भी भूल जाता हूँ

आर के रस्तोगी

2 Likes · 2 Comments · 215 Views
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