आतंकी हमला
फिर से आतंकी हमले में
कई एक जवान सहीद हुए
कुछ बहनों ने भाई खोये
कई माओं के है कोख लूटे
ना जाने कौन सा खेल है यह
जो मानवता पर भारी है
इन आतंकी हत्यारों की
इसने कैसी मती मारी है,
आखिर यह कब तक इंसा का
ऐसे ही रक्त बहायेगा
न जाने कब तक हिंसा का
यह ताण्डव नग्न दिखायेगा।
ये देकर नाम जेहाद इसे
अब मानवता को मिटाते हैं
बच्चो का बचपन छीन उन्हें
नफरत का पाठ पढाते हैं।
जागो तुम हिन्द अभी जागो
तुम्हें कसम उन वीर जवानों का
गोली खाईं जिसने दिल पे
उन राष्ट्र के राज दुलारों का
कुर्बानी इनकी ब्यर्थ कभी
प्रण साध लो न जाने देंगे
इस राष्ट्र में इन गद्दारों को
फिर से न कभी आने देंगे।
…….
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
राष्ट्र हित में खूद को मिटा देने वाले उन वीर जवानों को मेरा सत् सत् नमन।
आप हैं तो राष्ट्र है ।
आपको बारंबार प्रणाम।