Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2017 · 1 min read

आज फिर एक उमंग सी जगी है

Disclaimer : इस कविता के सभी पात्र एवं घटनाएँ काल्पनिक हैं। इनका किसी भी व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान से कोई संबंध नहीं है। अगर कोई समानता पाई जाती है तो उसे मात्र एक संयोग माना जाएगा।।

आज फिर दिल में एक उमंग सी जगी है,
आज फिर वो दिखी, और दिल में एक जंग सी लगी है।

वो सफेद सूट, लाल दुपट्टा,
वो शेरनी जैसी चमकती आंखें,
वो अधखिले गुलाब की पंखुड़ियों से होंठ,
वो मुझे जीवन के हर रंग सी लगी है।
आज फिर दिल में…………।।

कभी दिल को ऐसे मना लेता हूँ,
कभी वैसे मना लेता हूँ,
अगर कभी बेचैन होता हूँ तो गुनगुना लेता हूँ,
लेकिन ये जो लोग हैं वो जज्बात नहीं समझते।,
ये इस दिल की बात नहीं समझते,
कभी सोचता हूँ, कह दूँ, कभी सोचता हूँ चुप रहूँ,
एक कश्मकश सी लगी है।
आज फिर दिल में एक उमंग सी जगी है।।

Language: Hindi
4 Likes · 339 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लीजिए प्रेम का अवलंब
लीजिए प्रेम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
💐प्रेम कौतुक-444💐
💐प्रेम कौतुक-444💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मन ,मौसम, मंजर,ये तीनों
मन ,मौसम, मंजर,ये तीनों
Shweta Soni
Kabhi kitabe pass hoti hai
Kabhi kitabe pass hoti hai
Sakshi Tripathi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
अन्तर्मन की विषम वेदना
अन्तर्मन की विषम वेदना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
🙅आज का विज्ञापन🙅
🙅आज का विज्ञापन🙅
*Author प्रणय प्रभात*
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
बिधवा के पियार!
बिधवा के पियार!
Acharya Rama Nand Mandal
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
2594.पूर्णिका
2594.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
AJAY AMITABH SUMAN
दिल की बात
दिल की बात
Bodhisatva kastooriya
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
Dr. Man Mohan Krishna
बाल कविता मोटे लाला
बाल कविता मोटे लाला
Ram Krishan Rastogi
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
****जानकी****
****जानकी****
Kavita Chouhan
*सर्दियों में एक टुकड़ा, धूप कैसे खाइए (हिंदी गजल)*
*सर्दियों में एक टुकड़ा, धूप कैसे खाइए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वृक्ष बड़े उपकारी होते हैं,
वृक्ष बड़े उपकारी होते हैं,
अनूप अम्बर
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
Phool gufran
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
Naushaba Suriya
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
पूर्वार्थ
"शतरंज के मोहरे"
Dr. Kishan tandon kranti
Hallucination Of This Night
Hallucination Of This Night
Manisha Manjari
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
Loading...