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27 Jul 2021 · 1 min read

“आज जिक्र जो सरहद तेरा आया”

आज जिक्र जो सरहद-तेरा आया,
वीर फरिस्तों का वो साया,
दिल देख रहा है-फिर वो मंजर,
लहू में लिपटी साँसें उनकी,
जिद तिरंगा लहराने की,
ये हिन्द
तुमको याद तो होगा,
सरहद का कुछ युँ रंग जाना,
मिट्टी लिपट रही थी लहू से,
फिर भी जयहिन्द गुंज रहा था,
वीर थे वो अपने ही वतन के,
जिनसे सरहद झुम रहा था,

बहती आँखे, बिखरा आँचल,
आँगन का विरान हो जाना,
फिर भी सरहद ?? तेरी खातिर,
हर माँ ने था सिश झुकाया,
जय हिन्द कह कर लाल को अपने-
जग से दी थी अन्तिम विदाई,
दिल से निकल रही थीं चीखें,
कफन दिया था अरमानों को,
ये हिन्द तुमको याद तो होगा~ जवां खुन का युं सज जाना
फक्र ने सब्र से रिस्ता जोड़ा-
तब जाकर ऐ सरहद तेरे – सिरमाथे लहराया तिरंगा,
धन्य था उन वीरों का जीवन,
कर गए भारत को अर्पण,
ये हिन्द ?? तुमको याद तो होगा…………. ?? वन्दे मातरम्
©दामिनी ?️

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 228 Views
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