Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2019 · 1 min read

आज का शब्द

आज का शब्द

खुलती हैं जब शब्दों की खिड़कियां,
कई राज खुल जाते हैं,
कभी शब्द ओझल हो जाते,
फिर वापिस आ जाते हैं.
शब्द कभी सिखलाते नया कुछ,
राह नई दिखलाते हैं,
कभी हमें फुसलाते हैं ये,
कभी हमें भरमाते हैं.
कभी सकारात्मकता का झोंका,
मन के अंदर लाते हैं,
कभी नकार देते ये सोच को,
नई सोच फिर लाते हैं.
शब्द ब्रह्म हैं, शब्द नाद हैं,
शब्द अनादि, शब्द अहसास,
धन्यवाद का एक शब्द ही,
दिखलाता प्रभाव कुछ खास.
’दोस्त’ शब्द का मतलब समझो,
अस्त करे जो दोषों को,
मधुर-सत्य शब्द कल्याण हैं करते,
सुखी बनाते हैं सबको.
अगर चाहते भला सभी का,
शब्दों की खिड़कियां खुलने दो,
ठंडी-ताजी-स्वच्छ हवा से
मन की कलुष को धुलने दो….

Language: Hindi
571 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मौसम
मौसम
Monika Verma
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
Dr Archana Gupta
*जीवन का झंझावातों से, हर दिन का नाता है (मुक्तक)*
*जीवन का झंझावातों से, हर दिन का नाता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
शान्त सा जीवन
शान्त सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
Manisha Manjari
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*शिवे भक्तिः शिवे भक्तिः शिवे भक्ति  भर्वे भवे।*
*शिवे भक्तिः शिवे भक्तिः शिवे भक्ति भर्वे भवे।*
Shashi kala vyas
मनोकामना
मनोकामना
Mukesh Kumar Sonkar
एक गजल
एक गजल
umesh mehra
शब्दों का गुल्लक
शब्दों का गुल्लक
Amit Pathak
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
"ऐ मेरे बचपन तू सुन"
Dr. Kishan tandon kranti
🌹थम जा जिन्दगी🌹
🌹थम जा जिन्दगी🌹
Dr Shweta sood
विदाई
विदाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मन
मन
Dr.Priya Soni Khare
इश्क का इंसाफ़।
इश्क का इंसाफ़।
Taj Mohammad
समय बदल रहा है..
समय बदल रहा है..
ओनिका सेतिया 'अनु '
जितने चंचल है कान्हा
जितने चंचल है कान्हा
Harminder Kaur
"परिपक्वता"
Dr Meenu Poonia
बलिदानी सिपाही
बलिदानी सिपाही
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जीवनामृत
जीवनामृत
Shyam Sundar Subramanian
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Er. Sanjay Shrivastava
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
ruby kumari
कर बैठे कुछ और हम
कर बैठे कुछ और हम
Basant Bhagawan Roy
Loading...