Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

आज का मानव अंधा हो रहा

हे भोले नाथ कृपा बरसाओ मानवता पर !
आज का मानव अँधा हो गया है धन पर !!
वो भूल गया प्रक्रति को सताना नहीं था !
मगर अपनी कमाई के प्रति वो सजग था !!

भूल चूका वो सारे रिश्ते इस धरती पर !
लालच में आ कर होटल बनाये तेरी धरा पर !!
पैसे में सब कुछ भूल गया न ध्यान तेरे क्रोध पर !
आज जो हाल हुआ देख खुद रोया अपनी भूल पर !!

धरती से खिलवाड़ नमी को भी न छोड़ा उसने !
आज खुद तो लापता है अछों को भी न छोड़ा उसने !!
भोले की लीला नहीं जाना समां गया जल में !
अपनी करनी दूसरों को भी डुबो गया जल में !!

प्रक्रति को न सताओ ऐ धरती पर महल बनाने वालो !
किसी श्रद्धालू के घर में अँधेरा करने वालो !!
उस की तो दुनिया मिट गयी तुम्हारी करनी करने वालो !!
भगवान् के बनाये नियम के विरुद्ध चलने वालो !!

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-381💐
💐प्रेम कौतुक-381💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आज इस सूने हृदय में....
आज इस सूने हृदय में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
ओ! मेरी प्रेयसी
ओ! मेरी प्रेयसी
SATPAL CHAUHAN
*अक्षय धन किसको कहें, अक्षय का क्या अर्थ (कुंडलिया)*
*अक्षय धन किसको कहें, अक्षय का क्या अर्थ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिसे मैं ने चाहा हद से ज्यादा,
जिसे मैं ने चाहा हद से ज्यादा,
Sandeep Mishra
"अजातशत्रु"
Dr. Kishan tandon kranti
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
gurudeenverma198
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
Vishal babu (vishu)
बचपन और गांव
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" है वही सुरमा इस जग में ।
Shubham Pandey (S P)
Hajipur
Hajipur
Hajipur
मित्रता
मित्रता
Shashi kala vyas
★मृदा में मेरी आस ★
★मृदा में मेरी आस ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
आत्मा की आवाज
आत्मा की आवाज
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इल्म
इल्म
Utkarsh Dubey “Kokil”
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
धरी नहीं है धरा
धरी नहीं है धरा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कस्तूरी इत्र
कस्तूरी इत्र
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
बुध्द गीत
बुध्द गीत
Buddha Prakash
'मेरे बिना'
'मेरे बिना'
नेहा आज़ाद
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
Paras Nath Jha
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
" नारी का दुख भरा जीवन "
Surya Barman
Loading...