आज कल हालात है नासाज दिल के~~~~~
ढूंढता रहता हूं मैं अल्फाज दिल के
जाने क्यों गुम हो गए अंदाज दिल के
रूबरू जो हो गए हो आज मुझसे
हाल-दिल कर लो बयां नाराज दिल के
मैं तो चाहूँ जिंदगी में साथ तेरा
तुम न जाने कब बने हमराज दिल के
है इनायत ये मुहब्बत की समझलो
यूँ नहीं मिलते किसीको ताज दिल के
भूल कर गुजरा जमाना यार आजा
आज कल हालात है नासाज दिल के
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०