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27 Feb 2020 · 1 min read

‘आजाद’ को नमन

चंद्रशेखर आज़ाद भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के अप्रतिम योद्धा और अपने समकालीन क्रांतिकारी साथियों के लिए आदर्श थे। महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन की समाप्ति की अप्रत्याशित घोषणा से व्यथित होकर वे हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़े और सबसे पहले राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में काकोरी काण्ड को अंजाम दिया। 1927 में बिस्मिल और उनके चार साथियों की शहादत के बाद उन्होंने देश के प्रमुख क्रांतिकारी साथियों को जोड़कर एकीकृत ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन’ बनाया और भगत सिंह के साथ लाहौर में आततायी सॉन्डर्स की हत्या कर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया। दिल्ली में असेंबली बम काण्ड में भी वे शामिल रहे। 27 फरवरी,1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों के साथ मुठभेड़ में वे वीरगति को प्राप्त हुए। आज शम-ए-आज़ादी के परवाने शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद का शहादत-दिवस पर आईए हम अपने देश की एकता, अखंडता और नवनिर्माण लिए कुछ कर गुज़रने की शपथ के साथ उनकी शहादत को सलाम करें ।

युवाओं के दिलों में राष्ट्रीयता और आजादी का जोश भरने वाले वीरता और साहस के पर्याय महान स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद जी के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि …

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 437 Views
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