आजाद कर दे मुझे प्रभु
1.
आजाद कर दे मुझे प्रभु
इस मायाजाल से
मैं इंसानियत की राह का
आलिंगन करना चाहता हूँ
2.
वो पहले सा लगाव न रहा ,वो एहसास न रहा
मानव बिखरते गए, वो प्यार न रहा
आज आदमी की आदमियत, ख़त्म हो रही
हर एक बात में वो, राजनीति ढूंढता रहा