Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2017 · 1 min read

आजादी के वीर सिपाही

शहीदों को श्रधांजलि स्वरूप यह रचना ?????

कैसे मिली आजादी लोगो मैं तुमको आज बताऊंगा ।
किस किस नै कुर्बानी देदी मैं उन के नाम गिणाऊंगा ।। टेक

१ चन्द्र शेखर आजाद मरया अल्फ्रेड पार्क मैं घिरग्या
मंगल पांडे नै करी बगावत मरकै नाम अमर करग्या 
नेता जी का पता चल्या नां किस हालत मैं वो मरग्या
जनरल डायर नै चाले कर दिए खप्पर अमृतसर भरग्या
जलियाँ वाला बाग गवाह सै , सबूत तुम्हें दिखलाऊंगा ।।

२ गोंडा जेल में राजेंद्र लाहिड़ी , फांसी ऊपर झूल गए
गोरखपुर मैं झुलाया बिस्मिल , के भारतवासी भूल गए
रोशन सिंह इलाहबाद की , जिला जेल में टूल गए
फैजाबाद मैं अशफ़ाक़ उल्ला , कर फांसी को कबूल गए
खुदीराम बोस और वीर सावरकर की मैं याद दिलाऊंगा ।।

३ तात्यां टोपे फांसी चढग्या , उस ईश्वर का रटकै नाम
लक्ष्मी बाई रण मै मरगी , जिसनै पाया मुक्ति धाम
लाला जी पै लाठी बरसी , उनका होग्या काम तमाम
नाना साहिब पाया कोन्या , कित ठा लेग्या उसनै राम
नयूं भी कहकै नहीं गया वो , मैं फेर दोबारा आऊंगा ।।

४ राजगुरु , सुखदेव , भगत सिंह , वे तीनों फांसी तोड़ दिए
बटु केश्वर शिव वर्मा जैसे , काला पाणी छोड़ दिए
कोए उड़ाया तोपां तैं भाई , कुछ लाठियां तैं सिर फोड़ दिए
कपीन्द्र शर्मा तूं आण जगत मैं , वीरां की गाथा जोड़ दिए
गाँधी जी भी देशभगत थे , मैं उनको नहीं भुलाऊंगा ।।

लेखक – कपीन्द्र शर्मा
फ़ोन नं o – 8529171419
ईमेल – kapinderbhardwaj@gmail.com

©® Kapinder Sharma

Language: Hindi
1 Comment · 956 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जय प्रकाश
जय प्रकाश
Jay Dewangan
नाही काहो का शोक
नाही काहो का शोक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सुबह की चाय मिलाती हैं
सुबह की चाय मिलाती हैं
Neeraj Agarwal
भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का भविष्य
भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का भविष्य
Shyam Sundar Subramanian
सनम की शिकारी नजरें...
सनम की शिकारी नजरें...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
Shreedhar
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आदमी चिकना घड़ा है...
आदमी चिकना घड़ा है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
2524.पूर्णिका
2524.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
surenderpal vaidya
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
【30】*!* गैया मैया कृष्ण कन्हैया *!*
【30】*!* गैया मैया कृष्ण कन्हैया *!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
gurudeenverma198
विश्वास
विश्वास
Dr fauzia Naseem shad
हिंदू-हिंदू भाई-भाई
हिंदू-हिंदू भाई-भाई
Shekhar Chandra Mitra
#आस्था_पर्व-
#आस्था_पर्व-
*Author प्रणय प्रभात*
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
गुरुकुल भारत
गुरुकुल भारत
Sanjay ' शून्य'
राना दोहावली- तुलसी
राना दोहावली- तुलसी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हरि हृदय को हरा करें,
हरि हृदय को हरा करें,
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-275💐
💐प्रेम कौतुक-275💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
*श्री विष्णु शरण अग्रवाल सर्राफ के गीता-प्रवचन*
*श्री विष्णु शरण अग्रवाल सर्राफ के गीता-प्रवचन*
Ravi Prakash
Growth requires vulnerability.
Growth requires vulnerability.
पूर्वार्थ
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
कवि दीपक बवेजा
चांदनी न मानती।
चांदनी न मानती।
Kuldeep mishra (KD)
Loading...