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20 Nov 2018 · 2 min read

आचरण

संस्कृति और संस्कार बदल गए, आचरण व्यवहार बदल गए, भाव और विचार बदल गए!!वतर्मन इतिहास बदल गए मूल्य मूल्यवान बदल गए इल्म और ईमान बदल गए!!
माँ बाप के आशा अरमानों का विश्वास आंखो का तारा राज दुलारा नूर नज़र कि नज़र बदल गई!!
दाल रोटी प्याज माँ बाप का सौभाग्य सुख का त्याग मेहनत पसीने का जीवन बेटे पे कुर्बान, पिज्जा बर्गर, कोक पेप्सी तेज रफ्तार कि बात, समय समाज कि पहचान बदल गई!!
फटफ़टिया पर फर फर उड़ते हवा हवाई तूफानों से बाते करते नहीं किसी से डरते माँ बाप के कंधों का बचपन पथराई आँखो के हाथो कि लाठी ख्वाबों के खास बदल गए!! चाहे हो कोई मजबूरी करनी हो चाहे मज़दूरी औलादों का भविष्य वर्तमान बदलते माँ बाप के औलाद बदल गए!! कृष्णा सुदामा कि मित्रता रिश्तों कि महिमा महत्व कि सार्थकता शाखियों के भी सखा कृष्ण भारत के रिश्ते का सत्कार नया जमाना ना कोई ना कोई कृष्ण ना कोई सुदामा मतलब का रिश्ता मतलब से रिश्ता मतलब में बनाता और विगड़ता रिश्ता, फ्रेंड, बॉय फ्रेंड, गर्ल फ्रेंड, फ्रेंड फास्ट के दौर में रिश्ते रीति रिवाज बदल गए!!माँ बाप ओल्ड हुए भाई बहन कच्चे धागे हुए बेगाने साहब बेटे मैडम बाहुए किट्टी लंच डिनर होटल पार्टी सारटी मेकअप सेकअप मौज मस्ती जीवन और समाज बदल गए!!
त्याग तपस्या बलिदान के आज़ादी के वादे और इरादे बदल गए संस्कार संस्कृति को अाचरण व्यवहार पीछडेंपन बैकवर्ड गवांर विकसित समाज हलो, हाय टाटा बाई नमस्कार प्रणाम बदल गए!! सत्य अहिंसा का बुद्ध सिद्धार्थ, भगवान महावीर का प्रवाह मर्यादा का राम पुरुषार्थ का परशुराम कर्म धर्म का कृष्णा गुरु वाणी कि धन्य धारा सत्य सत्यार्थ प्रकाश का प्रवाह!! रिश्तों कि मर्यादा का मूर्त समाज संस्कृति संस्कार का संवर्धन संचार ही प्राण!!
N L M Tripathi (पीताम्बर)

Language: Hindi
467 Views
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