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19 Apr 2020 · 1 min read

आग पतंगा

आग पतंगें की तुम ही जानो
मै तो बस जलना बुझना जानूं
प्रीत पले है दिल में मेरे
प्रीतम छलिया है ये मैं क्या जानूं.?
2.
इस दहर में कोई किसी का उस्ताद नहीं
शागिर्द बने कोई मेरा मुझ में वो बात नहीं
चल आ संग संग चलते हैं
कुछ मै लिखूं, कुछ तू लिखे,
कुछ औरों के किस्से पे हंसते है
जिंदगी है छोटी सी
इतने में क्या औरों से जलते हैं
चल हम किस्सा गोई करते हैं…
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
1 Like · 311 Views
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