***आखिर यह क्यों किया?***
***आखिर यह क्यों किया***
हमें बुलाया, पास बिठाया।
अपना कह कर अपनों से मिलाया।
तह में जब तक हम पहुंचे, निकले आप बहुत ही ऊंचे।
दोहरा पन आपका समझ न आया।।
**आखिरी यह क्यों किया ?**
आओ हम तुम्हारा ,इंतजार कर रहे हैं।
तुम्हारे ही नाम का, स्मरण कर रहे हैं।
हम आए ,दर्शन आपके पाए,
श्रद्धा भाव आपके लिए लाएं।
आपने तो वज्राघात किया।।
**आखिर यह क्यों किया?**
शान हमने ,आपकी बड़ाई,
रागिनी दिल से गाई।
खंजर घोपा पेट में ,खुद ने की कमाई।
दोस्ती का कैसा सिला दिया।
**आखिर यह क्यों किया?**
आगे से हम कैसे, आपका विश्वास जीतेंगे।
लिखते हैं दिल के भाव, जरूर लिखेंगे।
शायद ,आगे से एक साथ नहीं दिखेंगे।
फैसला अनुनय हमने तो किया।
**आखिर यह क्यों किया?**
राजेश व्यास अनुनय