*”आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं”*
आओ मिलकर दीप जलाएं
आओ हम सब मिलकर उम्मीद का दीप जलाएं।
सांझ ढले अंधियारा दूर कर ज्योति जला उजियाला फैलाएं।
अंर्तमन के तम विकारों को मिटा ज्ञान की बाती सुलगाएँ।
आओ हम सब मिलकर ..
घर आँगन देहरी मुंडेर में श्रद्धा ,विश्वास आस्थाओं का दीप जलाएं।
विध्न बाधाओं से घिरे हुए संघर्षो से ना हम घबराएं।
आओ हम सब मिलकर ..
मोहजाल में फँसकर अपना व्यर्थ समय ना गंवाए।
बीते हुए पलों को भुलाकर वर्तमान जीवन लक्ष्य बनाएं।
आओ हम सब मिलकर …..
तामसिक प्रवृति छोड़ सात्विक आहार ले सतोगुणी बन जाएं।
स्वच्छता अभियान चला आने वाले जीवन को सुरक्षित बनाएं।
आओ हम सब मिलकर ….
अंखडता में एकता की ताकत बन उम्मीद का दीप जलाएं।
पराजय से विजय पथ प्रदर्शक केरोना से जंग लड़ते जाएं।
संपूर्ण विश्व विजेता बनकर विश्व गुरु मार्गदर्शन करवाएं।
आओ हम सब मिलकर …..
सहकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त कर शत शत नमन करते जाएं।
प्रकॄति अपना कहर बरपाई धरती माँ कहती अब तो हम सुधर जाएं।
केरोना रूपी काल महामारी विषाणु से अब मुक्ति दे जाएं।
भारत माता की गोदी में जीवन सुरक्षित सुन लो पुकार माँ अब प्रगट हो जाएं।
आओ हम सब मिलकर …..
तमसो माँ ज्योतिर्मय मृत्योमर्या मृतं गमय,
अर्थात -हे ईश्वर मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चल….
असत्य से सत्य की ओर ले चल …
मृत्यु से मोक्ष की ओर ले चल ….
शशिकला व्यास ✍?