Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2018 · 1 min read

आओ योग दिवस मनाये

आओ योग दिवस मनाये
स्वस्थ जीवन का लघु-सूत्र अपनाये,
स्वच्छ बुद्धि निर्मल काया ,धीरेन्द्र ने है पाया
करके योग स्वस्थ हो जाएं ———–
आओ योग दिवस मनाये ।
संस्कृति का सम्मान करें
जीवन का रसपान करें
राष्ट्रीय एकता का बल दिखलाये ——-
आओ योग दिवस मनाये

Language: Hindi
2 Likes · 301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार में ना जाने क्या-क्या होता है ?
प्यार में ना जाने क्या-क्या होता है ?
Buddha Prakash
💐प्रेम कौतुक-408💐
💐प्रेम कौतुक-408💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
मनोज कर्ण
यूएफओ के रहस्य का अनावरण एवं उन्नत परालोक सभ्यता की संभावनाओं की खोज
यूएफओ के रहस्य का अनावरण एवं उन्नत परालोक सभ्यता की संभावनाओं की खोज
Shyam Sundar Subramanian
किसी नदी के मुहाने पर
किसी नदी के मुहाने पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तू है जगतजननी माँ दुर्गा
तू है जगतजननी माँ दुर्गा
gurudeenverma198
जीने की वजह हो तुम
जीने की वजह हो तुम
Surya Barman
वक्त को कौन बांध सका है
वक्त को कौन बांध सका है
Surinder blackpen
दंगा पीड़ित कविता
दंगा पीड़ित कविता
Shyam Pandey
शिक्षक को शिक्षण करने दो
शिक्षक को शिक्षण करने दो
Sanjay Narayan
वो ज़माने चले गए
वो ज़माने चले गए
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
चिढ़ है उन्हें
चिढ़ है उन्हें
Shekhar Chandra Mitra
शहज़ादी
शहज़ादी
Satish Srijan
"सूप"
Dr. Kishan tandon kranti
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
पूर्वार्थ
ज़िंदगी में बेहतर
ज़िंदगी में बेहतर
Dr fauzia Naseem shad
दो शब्द ढूँढ रहा था शायरी के लिए,
दो शब्द ढूँढ रहा था शायरी के लिए,
Shashi Dhar Kumar
शुक्रिया जिंदगी!
शुक्रिया जिंदगी!
Madhavi Srivastava
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब गुज़रा वो लड़कपन,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
महादेव
महादेव
C.K. Soni
शौक या मजबूरी
शौक या मजबूरी
संजय कुमार संजू
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
Dr. Kishan Karigar
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
शिष्टाचार
शिष्टाचार
लक्ष्मी सिंह
2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...