आओ फिर से साथ चलें
आओ फिर से साथ चले हम, भूल के सारे शिकवे गिले।
खुशियों के पल यह हमको मिले हैं, चेहरे सबके हो खिले खिले।
बड़े नसीबों से यह तन पाया, साथ दे जब तक यह काया,
बैर भाव के कभी न जन्मे,अंतकरण में सिलसिले।।
मानव है गलती कर जाते पीड़ाएं फिर बाद में पाते।
भूल सुधार की हो गुंजाइश ,आओ हंस कर गले मिले।।
कल की बातें कल पर छूटे,हो आज फिर नई शुरुआत।
प्यारा सा यह जीवन अपना, फिर से कोई शूल मिले ।।
प्यार ही लेना अनुनय तुझको प्यार ही तो देना है।
वचन कथन इक दूजे के सुने।
पल न कोई अब ऐसा आए, फिर से हो कोई शिकवे गिले।।
राजेश व्यास अनुनय