Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2020 · 2 min read

आओ एक बार फिर

एक बार फिर से…..
आओ वही पुराने होकर
फिर से अपने इस बनारस में ,
तुम्हारे बिना सूना है हाॅस्टल का वो कमरा
और ना भूलने वाला फैकल्टी का वो झगड़ा ,
रिक्शेवाले आज भी बैठे हैं हमारे इंतज़ार में
लंका से लंका तक की सवारी के करार में ,
सूनी हैं BHU की वो सड़कें …..
अब कोई नही लहराता काटन का वो दुपट्टा
ना ही लगती हैं माथे पर वो गज़ब की बिंदियाँ
शायद ही खाता होगा कोई दोस्तों का टिफिन मार के झपट्टा ,
बिंदास जींस में वो स्कूटी का लहराना
लड़कियां होकर भी लड़कों को डराना
हर परिस्थिति मे हमारा साथ निभाना ,
स्केचिंग के बहाने अस्सी की वो मस्तियाँ
आर्ट के समान के लिये घुमना गली – गली और बस्तियाँ ,
वो लड़कों की खुशामद करके मंगवाना समोसे
उनको ये एहसास कराना कि अब तो हम है तुम्हारे ही भरोसे ,
वार्डन से छुप कर रूम में पकाना वो लज़ीज़ खाना
खाने से पहले भूख से और बाद में ज्यादा खा कर मर जाना ,
याद हैं ……..????
सबका पोनी पर स्कार्फ बांधना ?
सबका अलग – अलग जगहों पर एक जैसा झूठ बोलना ?
कैसे एक्सीडेंट का नाटक करके दोस्तों को रूलाना ?
सिक्रेट गाॅसिप सुनने के लिये दोस्तों को कोल्ड ड्रिंक पिलाना ?
आज ना खाने में वो स्वाद है
ना बातों में वो राज़ है
ना ही हमारे आस – पास हमारे जैसा कोई बन्दा है
उस वक्त लगता था कि बिछड़ेगें तो मर जायेगें
पर आज बिछड़ कर भी ज़िन्दा हैं ,
आखों के सामने सब तस्वीरें स्थिर हैं
पता नही क्यों ये आगे बढती ही नही
इतने सालों बाद भी हमारी दोस्ती किसीसे
हाय ! हैलो !…के आगे बढ़ती ही नही !!!

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंंह देवा , 17/12/17 )

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
*जिंदगी के अनोखे रंग*
*जिंदगी के अनोखे रंग*
Harminder Kaur
23/48.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/48.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ी बात है ....!!
बड़ी बात है ....!!
हरवंश हृदय
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
कविता
कविता
Shyam Pandey
मतदान
मतदान
Kanchan Khanna
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
ओसमणी साहू 'ओश'
बेटा
बेटा
Neeraj Agarwal
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
Manoj Mahato
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
सम्पूर्ण सनातन
सम्पूर्ण सनातन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
एक नारी की पीड़ा
एक नारी की पीड़ा
Ram Krishan Rastogi
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जिंदगी और रेलगाड़ी
जिंदगी और रेलगाड़ी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बादल
बादल
लक्ष्मी सिंह
गुलाबी शहतूत से होंठ
गुलाबी शहतूत से होंठ
हिमांशु Kulshrestha
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
आर.एस. 'प्रीतम'
मोल नहीं होता है देखो, सुन्दर सपनों का कोई।
मोल नहीं होता है देखो, सुन्दर सपनों का कोई।
surenderpal vaidya
"बगुला भगत"
Dr. Kishan tandon kranti
उसकी सौंपी हुई हर निशानी याद है,
उसकी सौंपी हुई हर निशानी याद है,
Vishal babu (vishu)
चुनाव
चुनाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मोहब्बत का ज़माना आ गया है
मोहब्बत का ज़माना आ गया है
Surinder blackpen
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
shabina. Naaz
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
Raju Gajbhiye
*शहर की जिंदगी*
*शहर की जिंदगी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सत्य की खोज, कविता
सत्य की खोज, कविता
Mohan Pandey
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
Maroof aalam
Loading...