Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2017 · 1 min read

“आओ अधरामृत पान करें ।”

मैं छल प्रपंच न जानूँ प्रिये,
उर प्रीत को ही मानूँ प्रिये,
प्रणय अधर पर है लहराई
मिलकर इसका सम्मान करें,
आओ अधरामृत पान करें ।
.
चक्षु ह्रदय का तुम खोलो,
नैनों से अब कुछ बोलो,
दृग ने है प्रेम सुधा बरसाई,
प्रणय निवेदन का मान करें,
आओ अधरामृत पान करें।
.
इस मन पर तेरा ही राज है,
इन सांसों में तेरा ही साज है,
ॠतु मधुमास चहुंओर है छाई,
राग प्रेम का हम भी गान करें,
आओ अधरामृत पान करें ।
@पूनम झा। कोटा, राजस्थान।
#########################

Language: Hindi
Tag: गीत
5 Likes · 573 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
....प्यार की सुवास....
....प्यार की सुवास....
Awadhesh Kumar Singh
बसंत बहार
बसंत बहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
श्रीहर्ष आचार्य
-- मुंह पर टीका करना --
-- मुंह पर टीका करना --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
देशभक्ति पर दोहे
देशभक्ति पर दोहे
Dr Archana Gupta
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
Anil Mishra Prahari
स्वांग कुली का
स्वांग कुली का
Er. Sanjay Shrivastava
ख़राब आदमी
ख़राब आदमी
Dr MusafiR BaithA
11-कैसे - कैसे लोग
11-कैसे - कैसे लोग
Ajay Kumar Vimal
पागल तो मैं ही हूँ
पागल तो मैं ही हूँ
gurudeenverma198
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
Sanjay ' शून्य'
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
दुष्यन्त 'बाबा'
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
हिन्दी
हिन्दी
लक्ष्मी सिंह
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
शायर जानता है
शायर जानता है
Nanki Patre
.......
.......
शेखर सिंह
Believe,
Believe,
Dhriti Mishra
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
खुद के वजूद की
खुद के वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
*चलेगा पर्वतों से जल,तपस्या सीख लो करना (मुक्तक)*
*चलेगा पर्वतों से जल,तपस्या सीख लो करना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
संजय कुमार संजू
3089.*पूर्णिका*
3089.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भार्या
भार्या
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"विक्रम" उतरा चाँद पर
Satish Srijan
तन्हाई
तन्हाई
Sidhartha Mishra
"कारण"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...