***आई बीमारी ,यह महामारी***
आई बीमारी यह महामारी, क्या से क्या कर डाला रे।
साल गुजर गया सारा का सारा, बंद रही पाठशाला रे।
संकट का यह दौर है कैसा ,बचा न अब तो जेब में पैसा।
अधम निशाचर पापी तूने ,हर क्षेत्र में डाका डाला रे।।
बनी दवाई अब जाकर के, सभी तक यह जाएगी।
संयम तब तक रखें सभी हम, वरना आफत आ जाएगी।
ढकना मुंह को ,हाथ को धोना , छोड़ क्यों तुमने डाला रे।।
कुदरत रूठी थी क्यों रूठी थी, मन में अपने मनन करें।
प्रकृति के नियमों का मित्रों ,कभी न कोई दमन करें।
खेलेंगे गर इससे हम तो, देख रहा सब ऊपर वाला रे।।
चलो सभी संकल्प उठाएं, मानवता का पाठ पड़ेंगे।
दौड़ विकास की अंधी दौड़ में, प्रकृति का न विनाश करेंगे।
जीवन दाता एक ही अनुनय, सबका एक ही रखवाला रे।।
राजेश व्यास अनुनय