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10 Jul 2019 · 1 min read

आई बारिश सुहानी

मन हो गया चंचल,आई बारिश सुहानी।
शीतल पवन बहती,मौसम है ये रुहानी।।

बूँदें गिरें तन पर , ये मन गाए तराना।
मस्ती चढ़े ऐसी,चाहूँ खुद को भुलाना।
धरती गगन मिलते,लेकर झूमी जवानी।
शीतल पवन बहती,मौसम है ये रुहानी।।

बिजली हँसे देखो,घन का करके निशाना।
इसको कहूँ मैं तो,दिल पे नस्तर चलाना।
फिर भी लगे इनकी,सुंदर प्यारी कहानी।
शीतल पवन बहती,मौसम है ये रुहानी।।

आओ सनम हमतुम,भीगें झूमें मज़े में।
हसरत करें पूरी,इस उल्फ़त के नशे में।
नैना मिलें प्यासे,छोड़ें बातें ज़ुबानी।
शीतल पवन बहती,मौसम है ये रुहानी।।

प्रीतम अग्न दिल की,तड़फाए है मुझे तो।
चाहत करे तेरी,इक दीवानी मुझे तो।
दिल हार के मिलना,मोहब्बत है चुरानी।
शीतल पवन बहती,मौसम है ये रुहानी।।

मन हो गया चंचल,आई बारिश सुहानी।
शीतल पवन बहती,मौसम है ये रुहानी।।

आर.एस.प्रीतम
——————–
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 237 Views
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