Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2018 · 1 min read

आईने में मां

आईने में माँ

आज उम्र के इस पड़ाव पर अक्सर
आईने में एक बूढ़ी स्त्री नज़र आती है
कभी मुस्कुराती, धीरज – सा बँधाती है।
चिंता दर्शाती, कभी एहसास ये दिलाती है
कि बच्चों की बेरुखी, माँ-बाप को
असमय बूढ़ा कर जाती है।

अब मैं उठती हूँ अक्सर पकड़े घुटने
करती हूँ मिन्नतें बच्चों से अपने
आ जाना घर तनिक जल्दी इस बार
फीके लगते हैं तुम बिन त्यौहार।
फिर करती हूँ उनकी व्यस्तता की फिक्र
खुश रहें अपने घर में, मनाती ये शुक्र
छुपाती हूँ उनसे हरेक अपना गम
अगर दर्द हो तो भी मुस्काती हरदम
अकेलापन जब ये मुझको सताता है
अनजाना- सा डर क्यों मुझे घेर जाता है

याद आती है मुझे, वो आईने की औरत
अरे! वो तो है मेरी माँ की सी सूरत
मेरा साथ देने वो मेरे पास आ गई है
धीरे -धीरे मेरी माँ मुझ में समा गई है।

डॉ मंजु सिंह
नई दिल्ली

14 Likes · 59 Comments · 1876 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*जिंदगी के युद्ध में, मत हार जाना चाहिए (गीतिका)*
*जिंदगी के युद्ध में, मत हार जाना चाहिए (गीतिका)*
Ravi Prakash
हमें सलीका न आया।
हमें सलीका न आया।
Taj Mohammad
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
2438.पूर्णिका
2438.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ अधूरी बात सुनी थी ना...? अब पूरी पढ़ और समझ भी लें अच्छे से
■ अधूरी बात सुनी थी ना...? अब पूरी पढ़ और समझ भी लें अच्छे से
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
// अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद //
// अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
Ragini Kumari
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
gurudeenverma198
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
Phool gufran
पत्थर की लकीर नहीं है जिन्दगी,
पत्थर की लकीर नहीं है जिन्दगी,
Buddha Prakash
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
Anil "Aadarsh"
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
वंदेमातरम
वंदेमातरम
Bodhisatva kastooriya
विश्वास किसी पर इतना करो
विश्वास किसी पर इतना करो
नेताम आर सी
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दया समता समर्पण त्याग के आदर्श रघुनंदन।
दया समता समर्पण त्याग के आदर्श रघुनंदन।
जगदीश शर्मा सहज
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
तू है एक कविता जैसी
तू है एक कविता जैसी
Amit Pathak
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
मूल्य मंत्र
मूल्य मंत्र
ओंकार मिश्र
सृष्टि की उत्पत्ति
सृष्टि की उत्पत्ति
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
........,
........,
शेखर सिंह
Are you strong enough to cry?
Are you strong enough to cry?
पूर्वार्थ
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
Shashi kala vyas
मेरा एक छोटा सा सपना है ।
मेरा एक छोटा सा सपना है ।
PRATIK JANGID
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
ईर्ष्या
ईर्ष्या
Dr. Kishan tandon kranti
फर्श पर हम चलते हैं
फर्श पर हम चलते हैं
Neeraj Agarwal
Loading...