आंसू पूछें …
आंसुओं का हिसाब, कुछ मैं लगा नहीं सकता
खुशी के है या गम के, कुछ कह नहीं सकता
आसूंआे के समंदर में,कहीं चिराग ए रोशन बुझ ना जाए
जिनहे देखती हरदम आंखें, वोही अोझल ना हो जाए
तमन्ना नहीं उनके सिवा,कुछ और देखने की
आंखों में बसी तस्वीर,कहीं धुल ना जाए
कैसे सुलझाऊ,आसुअों की इस उलझन को
तू ही कोई राह बताए
तेरे नाम से दिल भरा पड़ा था
पड सूखा ना उसमें जाए
छाती में जो तीर धसा है ,तेरे नाम का
अब जंग उसमे पड़ ना जाए
कैसी उलझन कैसी तड़पन
दिल को सुकून मिले ना हाय
आंसुओं के इस सैलाब में
अब तू मुझ को दूर दिखाए
आंसू दिल दोनों हैं हमजोली
नित नए करते रोज उपाय.2.
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