Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2019 · 1 min read

आंखों के आंसू

आंखों के आंसू भी
तेरा नाम गुनगुनाते हैं
हम रोते हैं वो खिलकर मुस्कुराते हैं
कुछ पल तन्हा रातों के
बिन उनके सूने लगते हैं
ये बारिश के मौसम भी
बिन उनके सूने लगते हैं
यहां विरह की तड़पन है
वहां पंछी सुर में गाते है
हम रोते हैं वो हँसते हैं
आंखों के आंसू भी तेरा नाम गुनगुनाते हैं
यहां सुकून नहीं तेरी यादों से
कुछ सिसक सिसक तेरी बातों में
यहां नाम तुम्हारा लें धड़कन
वहां दिल में हमें छुपाते हैं
हम रोते हैं वो हँसते हैं
आंखों के आंसू भी तेरा नाम गुनगुनाते हैं

2 Likes · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
Sundeep Thakur
जमाने को खुद पे
जमाने को खुद पे
A🇨🇭maanush
Quote Of The Day
Quote Of The Day
Saransh Singh 'Priyam'
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
आज रात कोजागरी....
आज रात कोजागरी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
चांद जैसे बादलों में छुपता है तुम भी वैसे ही गुम हो
चांद जैसे बादलों में छुपता है तुम भी वैसे ही गुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Kudrat taufe laya hai rang birangi phulo ki
Kudrat taufe laya hai rang birangi phulo ki
Sakshi Tripathi
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दर्द
दर्द
Shyam Sundar Subramanian
हनुमानजी
हनुमानजी
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
Neerja Sharma
आदमी से आदमी..
आदमी से आदमी..
Vijay kumar Pandey
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
कवि दीपक बवेजा
हम
हम "फलाने" को
*Author प्रणय प्रभात*
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
Kshma Urmila
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
Dr Pranav Gautam
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
गीत
गीत
Kanchan Khanna
*वीरस्य भूषणम् *
*वीरस्य भूषणम् *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जय श्री राम।
जय श्री राम।
Anil Mishra Prahari
!! प्रेम बारिश !!
!! प्रेम बारिश !!
The_dk_poetry
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
Dr Tabassum Jahan
वादा है अपना
वादा है अपना
Shekhar Chandra Mitra
पिछली भूली बिसरी बातों की बहुत अधिक चर्चा करने का सीधा अर्थ
पिछली भूली बिसरी बातों की बहुत अधिक चर्चा करने का सीधा अर्थ
Paras Nath Jha
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
Sanjay ' शून्य'
न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
खाते मोबाइल रहे, हम या हमको दुष्ट (कुंडलिया)
खाते मोबाइल रहे, हम या हमको दुष्ट (कुंडलिया)
Ravi Prakash
एक अर्सा हुआ है
एक अर्सा हुआ है
हिमांशु Kulshrestha
Loading...