आंकड़े राजनीति के
आंकड़े तुम्हारे है
आंकड़ो का खेल तुम्हारा है
बढ़ा दो या गिरा दो
हवा बनाने का काम तुम्हारा है ।
मैं जिंदगी छीन कर लाया हूँ
मुर्दों के शहर से
शमशान तप रहे हैं
कफ़न गिनने का काम तुम्हारा है ।
बिक रही थी जिंदगी जहां
काला बाजार में
तुम खड़े थे सामने
कालाबजारी का काम तुम्हारा है ।
सांसे उठ गयी है द्वार से सबके
गिनाते हो आँकड़े कुछ कुछ
इन विधबा-अनाथ-बेसहारों का
जीवन उजाड़ने का काम तुम्हारा है ।
तुम्हारी व्यवस्था की व्यवस्था
मजबूत है तुम्हारे लिए
जले, दफ्न और बहुत से बह गए
अब झूठ बोलने का काम तुम्हारा है ।