Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2017 · 1 min read

आँखों में पानी क्यों नहीं

ढूँढ रहा हूँ मैं तो जवाब इस सवाल का
वतन पर मिटती है अब जवानी क्यों नहीं/

इस धरा पर दूर तक सागर का विस्तार है
पर रही लोगों की आँखों में पानी क्यों नहीं/

अब तो दिखता घर में सब कुछ नया ही सा
रखे अब कोई बुज़ुर्गों की निशानी क्यों नहीं/

धन से धन को जोड़ने में सब तो हैं लगे हुए
अब कोई होता यहाँ कर्ण सा दानी क्यों नहीं/

सब तो हैं बस बाहरी सौंदर्य में ही उलझे हुए
अब तो ये इश्क़ भी होता है रुहानी क्यों नहीं/

फूल को छोड़कर अपने लिए बस काँटे चुने
कोई भी करता अब ऐसी बेईमानी क्यों नहीं/

गर धरा पर उगाएँ सभी प्यार का पौधा अजय
मस्त हो जाएगी सभी की ज़िंदगानी क्यों नहीं/

280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-338💐
💐प्रेम कौतुक-338💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
ruby kumari
*रावण का दुख 【कुंडलिया】*
*रावण का दुख 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
"वो गुजरा जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
बदली बारिश बुंद से
बदली बारिश बुंद से
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
पलक-पाँवड़े
पलक-पाँवड़े
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
पसंद प्यार
पसंद प्यार
Otteri Selvakumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
आपकी इस मासूमियत पर
आपकी इस मासूमियत पर
gurudeenverma198
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
Arghyadeep Chakraborty
चाँद  भी  खूबसूरत
चाँद भी खूबसूरत
shabina. Naaz
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
Rj Anand Prajapati
हम तो अपनी बात कहेंगें
हम तो अपनी बात कहेंगें
अनिल कुमार निश्छल
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
आँखे मूंदकर
आँखे मूंदकर
'अशांत' शेखर
आपका आकाश ही आपका हौसला है
आपका आकाश ही आपका हौसला है
Neeraj Agarwal
दर्द का दरिया
दर्द का दरिया
Bodhisatva kastooriya
चश्मा,,,❤️❤️
चश्मा,,,❤️❤️
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पिय
पिय
Dr.Pratibha Prakash
सपने देखने से क्या होगा
सपने देखने से क्या होगा
नूरफातिमा खातून नूरी
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...