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18 Sep 2020 · 1 min read

— आँखे भी बोलती हैं —

कभी सुना नहीं होगा
कि आँखे भी बोलती हैं
बड़े ही सहज से लहजे
में यह राज खोलती हैं

जुबान को तो लोग जुबान कहते हैं
यह बिन जुबान सब कह देती हैं
अपनी पलकों को बंद कर के
समर्थन का प्यार घोलती हैं

यह आँखे सब से बड़ा राज है
चंद लम्हों में ही रस उड़ेलती हैं
समझने वाले समझ जाते हैं
इक इशारे में सब कुछ बोलती हैं

कभी गौर से सुनिए
सदा यह सच ही बोलती हैं
अंदाज सब की समझ से बाहर है
सब की मोहोब्बत का राज खोलती हैं

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Comment · 207 Views
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