Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2017 · 1 min read

आँखें ही करें बातें होठों पे तो ताले हैं

आँखें ही करें बातें होठों पे तो ताले हैं
देखे ये तुम्हारे ही अंदाज़ निराले हैं

अब तू ही बता तुझसे हम कैसे जुदा होंगे
जब हम औ हमारा दिल सब तेरे हवाले हैं

हम जागे या सो जायें तुम सामने रहते हो
सब सपने तुम्हारे ही जो आंखों में पाले हैं

कुछ दोस्त हमारे तब दे घाव बड़े देते
जब घोंपते पीछे से वो धोखे के भाले हैं

आंखों से हमारे अब बरसात बहुत होगी
घिर यादों के आये जो बादल बड़े काले हैं

बिखरा के खुली जुल्फें हम रहते हैं खोये से
कुछ शौक हमारे भी दीवानों वाले हैं

सुन ‘अर्चना’ मन सबके , भगवान सदा बसते
गर राह चलो उनकी , जीवन में उजाले हैं

14-12-2017
डॉ अर्चना गुप्ता

2 Likes · 2 Comments · 754 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
एक मशाल जलाओ तो यारों,
एक मशाल जलाओ तो यारों,
नेताम आर सी
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Neeraj Agarwal
मैं और वो
मैं और वो
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बसंत बहार
बसंत बहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
फागुन
फागुन
Punam Pande
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जनता के आवाज
जनता के आवाज
Shekhar Chandra Mitra
R J Meditation Centre, Darbhanga
R J Meditation Centre, Darbhanga
Ravikesh Jha
वक़्त होता
वक़्त होता
Dr fauzia Naseem shad
■ समयोचित सलाह
■ समयोचित सलाह
*Author प्रणय प्रभात*
उसने कहा....!!
उसने कहा....!!
Kanchan Khanna
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
अभी बाकी है
अभी बाकी है
Vandna Thakur
हमसे बात ना करो।
हमसे बात ना करो।
Taj Mohammad
Dear myself,
Dear myself,
पूर्वार्थ
वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो …
sushil sarna
धुँधलाती इक साँझ को, उड़ा परिन्दा ,हाय !
धुँधलाती इक साँझ को, उड़ा परिन्दा ,हाय !
Pakhi Jain
मनमीत मेरे तुम हो
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
तुम ही मेरी जाँ हो
तुम ही मेरी जाँ हो
SURYA PRAKASH SHARMA
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
Anju ( Ojhal )
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
Ravi Prakash
जीवन सुंदर गात
जीवन सुंदर गात
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
नानी का गांव
नानी का गांव
साहित्य गौरव
*देना इतना आसान नहीं है*
*देना इतना आसान नहीं है*
Seema Verma
मनुष्य की महत्ता
मनुष्य की महत्ता
ओंकार मिश्र
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बुंदेली दोहा- चिलकत
बुंदेली दोहा- चिलकत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
23/51.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/51.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...