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21 May 2017 · 1 min read

अहसास

अनोखा अहसास

सुन मेरी भी एक बार ए मेरे विचलित चंचल मन
कर तू अश्कों के समंदर से निकलने का प्रयास
खुदमें भर आनंद,उमंग, मस्ती और थोड़ा उल्लास
सुखी दिखेगा जहां तेरे लबों पर भी होगी हंसी
छोटी खुशियों का भीजब होगा अलबेला अहसास

नीलम शर्मा

Language: Hindi
273 Views
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