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10 Jul 2020 · 1 min read

अश्क़ आँखों में तू छिपाये क्यों

अश्क़ आँखों में तू छिपाये क्यों
आग सीने में यूँ दबाए क्यों

जब तलक दुश्मनी ये ज़ाहिर हो
तब तलक दोस्ती निभाए क्यों

ये तो दस्तूर है ज़माने का
यार रूठा था तो मनाए क्यों

मिल ही जाएगी तुझको मंज़िल भी
दिल में तूफ़ान तू उठाए क्यों

तू महावीर जब रहे तनहा
दिल में इक शोर-सा मचाए क्यों

1 Comment · 151 Views
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