Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2017 · 1 min read

अश्रु- नाद

…… मुक्तक …..

… अनबूझ नियति ने खेली
जीवन की दुखद पहेली
हे! विकल वेदने मेरी
बन जाओ सुखद सहेली

परिहास किया जीवन का
निर्मल निरीह निर्धन का
मैं विकल अकिञ्चन फिरता
संताप छिपाये मन का

डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव
लखनऊ

Language: Hindi
457 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*धन्य कठेर रियासत राजा, राम सिंह का वंदन है (देशभक्ति गीत)*
*धन्य कठेर रियासत राजा, राम सिंह का वंदन है (देशभक्ति गीत)*
Ravi Prakash
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"व्याख्या-विहीन"
Dr. Kishan tandon kranti
कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।
कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।
surenderpal vaidya
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
Keshav kishor Kumar
रात हुई गहरी
रात हुई गहरी
Kavita Chouhan
चार लाइनर विधा मुक्तक
चार लाइनर विधा मुक्तक
Mahender Singh
आनंद और इच्छा में जो उलझ जाओगे
आनंद और इच्छा में जो उलझ जाओगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-296💐
💐प्रेम कौतुक-296💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक तो गोरे-गोरे हाथ,
एक तो गोरे-गोरे हाथ,
SURYA PRAKASH SHARMA
मैं तो महज एक माँ हूँ
मैं तो महज एक माँ हूँ
VINOD CHAUHAN
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गुरु श्रेष्ठ
गुरु श्रेष्ठ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*आ गई है  खबर  बिछड़े यार की*
*आ गई है खबर बिछड़े यार की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मनुस्मृति का, राज रहा,
मनुस्मृति का, राज रहा,
SPK Sachin Lodhi
चाहता है जो
चाहता है जो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कुछ लोगों का प्यार जिस्म की जरुरत से कहीं ऊपर होता है...!!
कुछ लोगों का प्यार जिस्म की जरुरत से कहीं ऊपर होता है...!!
Ravi Betulwala
कहता है सिपाही
कहता है सिपाही
Vandna thakur
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कशमें मेरे नाम की।
कशमें मेरे नाम की।
Diwakar Mahto
दलदल में फंसी
दलदल में फंसी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कौन कहता है आक्रोश को अभद्रता का हथियार चाहिए ? हम तो मौन रह
कौन कहता है आक्रोश को अभद्रता का हथियार चाहिए ? हम तो मौन रह
DrLakshman Jha Parimal
नेता खाते हैं देशी घी
नेता खाते हैं देशी घी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बाढ़
बाढ़
Dr.Pratibha Prakash
खिलाड़ी
खिलाड़ी
महेश कुमार (हरियाणवी)
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
क्या कहें
क्या कहें
Dr fauzia Naseem shad
#लघुकथा / #बेरहमी
#लघुकथा / #बेरहमी
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...