Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Mar 2019 · 1 min read

अवरोध

अपना अवरोध ना बन
तू आगे बढ़
युद्ध कर

अपने विकार
को समाप्त कर
बस युद्ध कर

जीवन एक
उपहार है
यूँ न उसे
नष्ट कर
तू आगे बढ़
तू युद्ध कर …

– प्रोफ़ेसर दिनेश गुप्ता (आनन्द्श्री )

Language: Hindi
2 Likes · 228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पहले आप
पहले आप
Shivkumar Bilagrami
सूरज सा उगता भविष्य
सूरज सा उगता भविष्य
Harminder Kaur
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
Shweta Soni
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
कवि रमेशराज
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
Tarun Garg
गांधी से परिचर्चा
गांधी से परिचर्चा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
2589.पूर्णिका
2589.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
5 किलो मुफ्त के राशन का थैला हाथ में लेकर खुद को विश्वगुरु क
5 किलो मुफ्त के राशन का थैला हाथ में लेकर खुद को विश्वगुरु क
शेखर सिंह
शासन हो तो ऐसा
शासन हो तो ऐसा
जय लगन कुमार हैप्पी
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
manjula chauhan
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
Shubham Pandey (S P)
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Ram Krishan Rastogi
वक़्त के शायरों से एक अपील
वक़्त के शायरों से एक अपील
Shekhar Chandra Mitra
माँ सच्ची संवेदना....
माँ सच्ची संवेदना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
"कैसे सबको खाऊँ"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"अभिव्यक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
*सत्ता कब किसकी रही, सदा खेलती खेल (कुंडलिया)*
*सत्ता कब किसकी रही, सदा खेलती खेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"लोकगीत" (छाई देसवा पे महंगाई ऐसी समया आई राम)
Slok maurya "umang"
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
Swami Ganganiya
मेरा तोता
मेरा तोता
Kanchan Khanna
गौर फरमाइए
गौर फरमाइए
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पुकार
पुकार
Dr.Pratibha Prakash
"नृत्य आत्मा की भाषा है। आत्मा और परमात्मा के बीच अन्तरसंवाद
*Author प्रणय प्रभात*
★रात की बात★
★रात की बात★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
पर्यावरण प्रतिभाग
पर्यावरण प्रतिभाग
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr Shweta sood
नहले पे दहला
नहले पे दहला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...