Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2020 · 1 min read

” इज़हार-ए-मोहब्बत “

वो कुछ इस कदर हमसे मोहब्बत किया करते हैं ,
अपने महफ़िल में भी हमारी बातें किया करते हैं ।
शायद खुद इज़हार कहने से डरा किया करते हैं ,
इसलिए महफ़िल में ही इज़हार-ए-मोहब्बत किया करते हैं ।।

✍️ ज्योति ✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all
You may also like:
*जिंदगी में साथ जब तक, प्रिय तुम्हारा मिल रहा (हिंदी गजल)*
*जिंदगी में साथ जब तक, प्रिय तुम्हारा मिल रहा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*बिन बुलाए आ जाता है सवाल नहीं करता.!!*
*बिन बुलाए आ जाता है सवाल नहीं करता.!!*
AVINASH (Avi...) MEHRA
Badalo ki chirti hui meri khahish
Badalo ki chirti hui meri khahish
Sakshi Tripathi
ईज्जत
ईज्जत
Rituraj shivem verma
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
Neeraj Agarwal
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
जीवन के रंग
जीवन के रंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दिल तमन्ना
दिल तमन्ना
Dr fauzia Naseem shad
■ आज का #दोहा...
■ आज का #दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
भले कठिन है ज़िन्दगी, जीना खुलके यार
भले कठिन है ज़िन्दगी, जीना खुलके यार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
सफलता का मार्ग
सफलता का मार्ग
Praveen Sain
हौसला बुलंद और इरादे मजबूत रखिए,
हौसला बुलंद और इरादे मजबूत रखिए,
Yogendra Chaturwedi
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
सब तेरा है
सब तेरा है
Swami Ganganiya
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
आलाप
आलाप
Punam Pande
"ऐ मेरे दोस्त"
Dr. Kishan tandon kranti
बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
जय लगन कुमार हैप्पी
वो स्पर्श
वो स्पर्श
Kavita Chouhan
माथे पर दुपट्टा लबों पे मुस्कान रखती है
माथे पर दुपट्टा लबों पे मुस्कान रखती है
Keshav kishor Kumar
मन का आंगन
मन का आंगन
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
B S MAURYA
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
क्यूँ भागती हैं औरतें
क्यूँ भागती हैं औरतें
Pratibha Pandey
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
गगन पर अपलक निहारता जो चांंद है
गगन पर अपलक निहारता जो चांंद है
Er. Sanjay Shrivastava
राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
Loading...