*”अलविदा 2020 “*
“अलविदा दो हजार बीस”
अलविदा बीता हुआ साल दो हजार बीस ,
कोरोना महामारी ने दे गया हॄदय में टीस।
उथल पुथल उतार चढ़ाव, जीवन में कोहराम मच गया।
कुदरत ने भी कहर बरपाया ,सबको सबक सीखा गया।
बीते साल की यादें कभी ना भूले ,विपदा संकट की घड़ी दुखदाई।
कोरोना ने तबाही मचाई ,न कहीं जा सके न किसी को बुलाये ये कैसी बेवफाई।
व्यथित उदासी भरी है जीवन में ,अब तो जाओ अलविदा दो हजार बीस।
विपदाओं से घिरा ये साल ,अब आयेगा नव वर्ष दो हजार इक्कीस।
संक्रमित बीमारी से दूरियां बनाकर, सबका बुरा हुआ है हाल।
अपने से ही अपनों को छीन लिया, जुदा कर बिछुड़ कर बेहाल।
धैर्य संयम रखते हुए फिर भी,हिम्मत नहीं है हारी
घर में पूजन प्रार्थनाएं ,उम्मीद का दीप प्रभु तेरी माया है बलिहारी।
जड़ी बूटियां हल्दी तुलसी, आरोग्य अमृत धारा।
संघर्षो से जूझते हुए ,कलयुग में प्रभु नाम है जीव आधारा।
अलविदा कर रहे हम सभी ,साल दो हजार बीस।
जाते जाते ओ सुन चेहरों पे खुशियां दे जाना, अब आने को दो हजार इक्कीस।
विपदाओं संकटों कठिन परिस्थितियों, बीत गया ये साल।
सारी दुनिया हैरान परेशान हो, मानव घर में कैद हुआ सबका बुरा हाल।
भूली बिसरी यादें खट्टे मीठे कड़वे अनुभवों की कहानी।
सुख दुःख भरी दास्तां सुनकर ,उन पलों की कहते जुबानी।
हे प्रभु अब तो संकट कष्टों से उबारो, नई शक्ति का ऊर्जा का संचार करा दो।
नव वर्ष नई आशाएं संकल्प शक्ति से ,झूम उठे संसार खुशियाँ लौटा दो।
शशिकला व्यास✍️