अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
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मेरे जीवन में तुम्हारा आना
वरदान बन गया,
जीवन में खुशियों का
अजान हो गया।
कल ही की तो बात है जब
अनबोली सी तुम आई थी
आज मैं और मेरा घर परिवार
तुम्हारा प्राण हो गया।
अन्जाने अनदेखे इंसानों से
तुम्हें प्यार हो गया,
अनगिनत रिश्ते ओढ़कर तुमने
जीवन को आयाम दे दिया।
दो नन्हीं कलियों की सौगात देकर
जीवन का भण्डार भर दिया,
जन्म जन्म तक साथ निभाने का
विश्वास दे दिया।
उबड़खाबड़ बिखरे से जीवन को
आधार दे दिया।
मेरी जिंदगी के दामन में
खुशियों का चांँद भर दिया।
मालामाल कर दिया।
✍सुधीर श्रीवास्तव