Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2017 · 1 min read

“अरूणाभा-एक बेटी के प्रति पिता का हृदय”

वह सुन्दर सी, कोमल
हाथों में जब मेरे आयी,
पुलकित हुआ हृदय मेरा
जब देखा
चेहरे पर लालिमा छायी ।

प्यारा सा सुस्मित चेहरा
लग रहा हो जैसे चन्द्रानन
उत्ताल हुईं हृदय की लहरें
जब देखे
उसके कोमल नयन ।

बज रहीं बधाइयाँ ढेरों
घर-उपवन मे खुशहाली छायी
बाबुल सबको कहते-फिरते
मेरे आँगन रानी बिटिया आयी ।

प्रफुल्लित हो उठा हृदय मेरा
जब उसके मुख से निकला पहला शब्द
लगा जैसे कि
पुष्पों ने पंखुड़ि-पट खोले
कर गया वो सबको नि:शब्द ।

तब विचार मन-मस्तिष्क मे कौंध गया
क्यों बेटी का जन्म नहीं भाता
इस दिव्य-रत्न अवतारण का
क्यों जग मे सम्मान नहीं होता ?

क्या जग को मिथ्या समझूँ !
या समझूँ उस सच्चाई को
दिया अनुपम वरदान विधाता ने
क्यों न स्नेह करूँ “अरूणाभा” को ?

कम नहीं हैं बेटियाँ किसी से
चाहों तो इतिहास के पन्नों को
पलट देखो
गार्गी, अपाला और रानी लक्ष्मीबाई
जग में जिसने अपनी पहचान बनाई ।

आधुनिकता की बात करें तो
बेटियों ने परचम लहराया
डॉक्टर, इंजीनियर और रेसलर बनकर
देश का सम्मान बढ़ाया ।

इसलिए निवेदन है सबसे
इस कुसुम-कलिका को विकसने तो दो
इसकी सुगंधित “अरूण-कान्ति” को
सर्वत्र बिखरने तो दो ।।

(अरूणाभा-लाल कान्ति वाली)
-आनन्द कुमार

1 Like · 832 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ एक स्वादिष्ट रचना श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या कान्हा जी के दीवानों के लिए।
■ एक स्वादिष्ट रचना श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या कान्हा जी के दीवानों के लिए।
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी गली से निकलते हैं तेरा क्या लेते है
तेरी गली से निकलते हैं तेरा क्या लेते है
Ram Krishan Rastogi
उसकी सौंपी हुई हर निशानी याद है,
उसकी सौंपी हुई हर निशानी याद है,
Vishal babu (vishu)
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा
हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा
gurudeenverma198
इतने बीमार
इतने बीमार
Dr fauzia Naseem shad
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Sukoon
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
आज की प्रस्तुति: भाग 7
आज की प्रस्तुति: भाग 7
Rajeev Dutta
"स्वर्ग-नरक की खोज"
Dr. Kishan tandon kranti
पुष्प
पुष्प
Er. Sanjay Shrivastava
बच्चों को बच्चा रहने दो
बच्चों को बच्चा रहने दो
Manu Vashistha
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
बेबाक
बेबाक
Satish Srijan
*वे ही सिर्फ महान : पाँच दोहे*
*वे ही सिर्फ महान : पाँच दोहे*
Ravi Prakash
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
shabina. Naaz
राष्ट्रीय गणित दिवस
राष्ट्रीय गणित दिवस
Tushar Jagawat
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
Vindhya Prakash Mishra
लिखने के आयाम बहुत हैं
लिखने के आयाम बहुत हैं
Shweta Soni
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
आर.एस. 'प्रीतम'
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
Tulendra Yadav
हैं श्री राम करूणानिधान जन जन तक पहुंचे करुणाई।
हैं श्री राम करूणानिधान जन जन तक पहुंचे करुणाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
💐प्रेम कौतुक-434💐
💐प्रेम कौतुक-434💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रेम
प्रेम
विमला महरिया मौज
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
Anil Mishra Prahari
I want to collaborate with my  lost pen,
I want to collaborate with my lost pen,
Sakshi Tripathi
सफ़ेदे का पत्ता
सफ़ेदे का पत्ता
नन्दलाल सुथार "राही"
Loading...