अमीरों का रिवाज़
हवेलियों में संभल कर जाया करो ,
बादशाहों को ग़ुलाम रखने की आदत है ।।
उनकी हर गलती पर, मुनासिब सजदा किया करो
बादशाहों को तलवार रखने की आदत है ।।
गर गुमान हो जाय खुद पर, तो आइना देख लिया करो ,
बादशाहों को जूते में, आइना रखने की आदत है ।।
तोहफ़े में मिली तुम्हारी खाल का भी क्या होगा,
बादशाहों को शेर की खाल पर बैठने की आदत है ।।
तहज़ीब से सर झुकाया करो,मिले मौका तो कुछ सुनाया करो ।
तुम्हारी आवाज़ का भी क्या होगा,हवेलियों को गूंजने की आदत है ।।