Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2019 · 1 min read

अमलतास

सुन, अमलतास है खुद में खास
विरह के ताप का,इसे अहसास।
यह चमक लिए तपे कुंदन सी
नहीं खुद की कीमत का आभास।

श्वास का सिंचन,
यह जीवन मंचन,
होना मत बिल्कुल हताश।
सीखो इनसे,भरी धूप में भी,
लटक रहे,पीले अमलतास।
लटके बन गजरे पीले पीले
पीया मिलन की ज्यूं हो आस।
धरती तपती लोहे जैसी,
है जब खिलते अमलतास।

सदियों से करते तप,उल्टे लटक
कितना बड़ा होने का इतिहास।
शाखा पर पत्ते रंग बदल हुए पीले
गंवा देते टहनी पर सांस-सांस।
पर अमलतास तपता भरी दुपहरी
कुंदन बनने की ज्यूं हो आस।
धरती तपती लोहे जैसी,
है जब खिलते अमलतास।

स्वर्णिम मोती से जाते टूट-बिखर
सजते वसुधा को शोभित कर।
पीली पगड़ी, पीली चुनर,
पीले सोने से सजे हरित शजर(वृक्ष, दरख़्त)
जलते रहते करते बर्दाश
सुन पिया मिलन की ज्यूं हो आस।
धरती तपती लोहे जैसी,
है जब खिलते अमलतास।

जाने बखूबी है जीवन दूभर
इंतजार में गये मधुमास गुजर।
देकर नव कोंपल नव जीवन
छूते पीतांबर नूतन शिखर।
नीलम नैनों की प्रीति भाष
प्रियतम से मिलन की ज्यूं हो आस।
धरती तपती लोहे जैसी,
है जब खिलते अमलतास।

नीलम शर्मा ✍️

Language: Hindi
269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
Anand Kumar
ऐ पड़ोसी सोच
ऐ पड़ोसी सोच
Satish Srijan
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हसदेव बचाना है
हसदेव बचाना है
Jugesh Banjare
चुनाव फिर आने वाला है।
चुनाव फिर आने वाला है।
नेताम आर सी
2496.पूर्णिका
2496.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
सिया राम विरह वेदना
सिया राम विरह वेदना
Er.Navaneet R Shandily
मोबाइल है हाथ में,
मोबाइल है हाथ में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ऐसे ना मुझे  छोड़ना
ऐसे ना मुझे छोड़ना
Umender kumar
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
Sanjay ' शून्य'
*** लम्हा.....!!! ***
*** लम्हा.....!!! ***
VEDANTA PATEL
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
💐प्रेम कौतुक-345💐
💐प्रेम कौतुक-345💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
*पूजा का थाल (कुछ दोहे)*
*पूजा का थाल (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
Keshav kishor Kumar
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
हम बेजान हैं।
हम बेजान हैं।
Taj Mohammad
रानी लक्ष्मीबाई का मेरे स्वप्न में आकर मुझे राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना ......(निबंध) सर्वाधिकार सुरक्षित
रानी लक्ष्मीबाई का मेरे स्वप्न में आकर मुझे राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना ......(निबंध) सर्वाधिकार सुरक्षित
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
कवि रमेशराज
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
Paras Nath Jha
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
अपनों के बीच रहकर
अपनों के बीच रहकर
पूर्वार्थ
जिंदगी न जाने किस राह में खडी हो गयीं
जिंदगी न जाने किस राह में खडी हो गयीं
Sonu sugandh
चंद एहसासात
चंद एहसासात
Shyam Sundar Subramanian
" पहला खत "
Aarti sirsat
Loading...