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19 Feb 2021 · 1 min read

अभिलाषा

खुद के लिए
मेरी कोई अभिलाषा नहीं लेकिन
इस दुनिया का
हर व्यक्ति,
हर जीव
प्रकृति की तरह ही
खुश रहें,
फूले फले और हरदम आगे बढ़े
यह आशा तो है
जो जीवन में मिला है
उससे संतुष्ट रहें
भगवान का प्रसाद समझ
उसे सहर्ष स्वीकार करें
भगवान से कभी कुछ मांगे तो
अपने लिए नहीं अपितु
सम्पूर्ण संसार के लिए
खुशियां मांगे
सारे जगत को
एक उपवन समझे
इसके हर जन को
उपवन का फूल
यह उपवन फूलों से महकता रहे
गर यह हो अभिलाषा तो
इसकी सुगन्ध से कैसे रह सकता है
कोई भी वंचित
बिना अपने लिए
कुछ मांगे और
अभिलाषा करे भी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
2 Comments · 216 Views
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