अभिनन्दन अब बीती बातें लगने लगीं हैं
1.
अभिनन्दन अब बीती बातें
लगने लगीं हैं
अतिक्रमण दूसरों के जीवन में
करने लगे हैं लोग
2.
अनुकरणीय चरित्रों के अभाव से
गुजर रहे हैं हम
आधुनिकता की अंधी दौड़ में
संस्कृति और संस्कारों को
अस्वीकार्य कर रहे हैं हम