Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Sep 2016 · 1 min read

अब भुगतो (पाक को संदेश )

कहा था हमसे मत उलझो ।
अब भुगतो ।
सब्र का प्याला छलक गया ।
अब भुगतो ।
प्याला छलका है,
बांध नहीं टूटा है अभी ।
अब भी सुधर आओ वर्ना ,
फिर भुगतो ।
बांध टूटा तो
भुगत भी न पाओगे ।
कहाँ बह जाओगे
कुछ खबर भी न पाओगे ।

Language: Hindi
260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Ranjan Goswami
View all
You may also like:
रिश्ते-नाते गौण हैं, अर्थ खोय परिवार
रिश्ते-नाते गौण हैं, अर्थ खोय परिवार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुस्कुराकर देखिए /
मुस्कुराकर देखिए /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मित्र बनने के उपरान्त यदि गुफ्तगू तक ना किया और ना दो शब्द ल
मित्र बनने के उपरान्त यदि गुफ्तगू तक ना किया और ना दो शब्द ल
DrLakshman Jha Parimal
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
Living life now feels like an unjust crime, Sentenced to a world without you for all time.
Living life now feels like an unjust crime, Sentenced to a world without you for all time.
Manisha Manjari
"शिलालेख "
Slok maurya "umang"
नियत
नियत
Shutisha Rajput
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पूर्वार्थ
"ओखली"
Dr. Kishan tandon kranti
संसार का स्वरूप
संसार का स्वरूप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम( कुंडलिया)
धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम( कुंडलिया)
Ravi Prakash
करते तो ख़ुद कुछ नहीं, टांग खींचना काम
करते तो ख़ुद कुछ नहीं, टांग खींचना काम
Dr Archana Gupta
मैं तो महज प्रेमिका हूँ
मैं तो महज प्रेमिका हूँ
VINOD CHAUHAN
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
3228.*पूर्णिका*
3228.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सबसे बड़ा गम है गरीब का
सबसे बड़ा गम है गरीब का
Dr fauzia Naseem shad
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
Sanjay ' शून्य'
हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन
लक्ष्मी सिंह
माना के गुनाहगार बहुत हू
माना के गुनाहगार बहुत हू
shabina. Naaz
सागर की हिलोरे
सागर की हिलोरे
SATPAL CHAUHAN
सबला
सबला
Rajesh
💐प्रेम कौतुक-483💐
💐प्रेम कौतुक-483💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
छुट्टी बनी कठिन
छुट्टी बनी कठिन
Sandeep Pande
मतदान और मतदाता
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
Loading...