Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2020 · 1 min read

अब बहुत हुआ…….°°°°

मन विचलित हो उठा सुन
वो संज्ञान पुरानी थी,
जहर उगलते माता पिता
संतानों की बारी थी।
गरज रही है धरती माता
आफत उसपे आयी थी,
देख कर भेष इंसानों का
हृदय उसका कांपी थी।।।।

Language: Hindi
5 Likes · 512 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मिट्टी का बस एक दिया हूँ
मिट्टी का बस एक दिया हूँ
Chunnu Lal Gupta
प्रेम की साधना (एक सच्ची प्रेमकथा पर आधारित)
प्रेम की साधना (एक सच्ची प्रेमकथा पर आधारित)
दुष्यन्त 'बाबा'
एक किताब सी तू
एक किताब सी तू
Vikram soni
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
Sonu sugandh
"ओ मेरी लाडो"
Dr. Kishan tandon kranti
8. टूटा आईना
8. टूटा आईना
Rajeev Dutta
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
पावन सावन मास में
पावन सावन मास में
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
2506.पूर्णिका
2506.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐श्री राम भजन💐
💐श्री राम भजन💐
Khaimsingh Saini
*सेना वीर स्वाभिमानी (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद)*
*सेना वीर स्वाभिमानी (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद)*
Ravi Prakash
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
एक ऐसा मीत हो
एक ऐसा मीत हो
लक्ष्मी सिंह
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
gurudeenverma198
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
इंसान
इंसान
विजय कुमार अग्रवाल
💐प्रेम कौतुक-155💐
💐प्रेम कौतुक-155💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*कोई नई ना बात है*
*कोई नई ना बात है*
Dushyant Kumar
*चाल*
*चाल*
Harminder Kaur
माँ वाणी की वन्दना
माँ वाणी की वन्दना
Prakash Chandra
कविता
कविता
Shiva Awasthi
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शेखर सिंह
माँ का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है ?
माँ का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दान देने के पश्चात उसका गान  ,  दान की महत्ता को कम ही नहीं
दान देने के पश्चात उसका गान , दान की महत्ता को कम ही नहीं
Seema Verma
६४बां बसंत
६४बां बसंत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
Every moment has its own saga
Every moment has its own saga
कुमार
डमरू वीणा बांसुरी, करतल घन्टी शंख
डमरू वीणा बांसुरी, करतल घन्टी शंख
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दीवारों में दीवारे न देख
दीवारों में दीवारे न देख
Dr. Sunita Singh
Loading...