— अब तो दर्शन दो —
कितना वक्त गुजर गया
तेरे दर पर आये हुए भगवान्
तरस गया मन मेरा अब तो
अब तो दर्शन दे दो भगवान्
तेरे दर के सिवा कहाँ है ठिकाना
तेरे दर को छोड़ के जाना है कहाँ
मेरी साँसों में बसी है साँसे तेरी
अब तो दर्शन को बुला लो भगवान्
बड़ा व्याकुल हो गया मन
अब तो सच रहा न जाए भगवन
दे दे बुलावा तेरे दर आने का
जहाँ आकर तेरे दर्शन करूँ मैं भगवन
अजीत कुमार तलवार
मेरठ