Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2017 · 1 min read

अब चलूंगी मैं..

तुम मिलों न मिलों
अब चलूंगी मैं…
तुम हो न हो
अब जियुंगी मैं
तुम मेरे रहो न रहो
अब न रुकूँगी मैं…|
अब मुझे चलना ही होगा
अब मुझे बढ़ना ही होगा
कदम थके ही सही,
रास्ता कोई नया चुनना ही होगा |
तुम मिल भी गए अगर
तो मिलना न रहा
काबू रख जज्बातों को
अपने अरमानों को कुचलना ही होगा |
तुम थे तो एक सहारा था
दूर ही सही कोई किनारा था
अब जब ज़िन्दगी दामन छोड़कर
निकल ही गई है
हर पल मौत से गुजरना होगा l
जिसके लिए मर गई हूँ
उसी के लिए मुझे जीना होगा
अब मुझे चलना ही होगा..|

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 1144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
ज़मानें हुए जिसको देखे हुए।
ज़मानें हुए जिसको देखे हुए।
Taj Mohammad
पतंग
पतंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गौरैया दिवस
गौरैया दिवस
Surinder blackpen
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मचले छूने को आकाश
मचले छूने को आकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मातृ भाषा हिन्दी
मातृ भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Sakshi Tripathi
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*आवारा या पालतू, कुत्ते सब खूॅंखार (कुंडलिया)*
*आवारा या पालतू, कुत्ते सब खूॅंखार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#ॐ_नमः_शिवाय
#ॐ_नमः_शिवाय
*Author प्रणय प्रभात*
******* प्रेम और दोस्ती *******
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पेड़ से कौन बाते करता है ।
पेड़ से कौन बाते करता है ।
Buddha Prakash
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
Dr. Man Mohan Krishna
तेरा बना दिया है मुझे
तेरा बना दिया है मुझे
gurudeenverma198
तौलकर बोलना औरों को
तौलकर बोलना औरों को
DrLakshman Jha Parimal
दूसरों की आलोचना
दूसरों की आलोचना
Dr.Rashmi Mishra
" जिन्दगी के पल"
Yogendra Chaturwedi
अपनी गलती से कुछ नहीं सीखना
अपनी गलती से कुछ नहीं सीखना
Paras Nath Jha
जिंदगी तूने  ख्वाब दिखाकर
जिंदगी तूने ख्वाब दिखाकर
goutam shaw
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
Lohit Tamta
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
Satish Srijan
अष्टम कन्या पूजन करें,
अष्टम कन्या पूजन करें,
Neelam Sharma
भूख
भूख
RAKESH RAKESH
कर बैठे कुछ और हम
कर बैठे कुछ और हम
Basant Bhagawan Roy
क्यों दोष देते हो
क्यों दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
Loading...