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9 Oct 2017 · 1 min read

==अबकी बार यूं दीवाली मनाते हैं ==

आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली।

घर की सफाई तो सब करते हैं
घर में खुशियों के रंग सब भरते हैं।
सब मिल सफाई करें गली मुहल्ले वाली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली।

हर बरस हमने बनाई खूब मिठाई
देवी के भोग की थालियां सजाई
चलो मिलकर सजाएं इस बार
किसी गरीब की हम थाली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली

पटाखों से होता हैं कितना स्वास्थ्य क्षरण
कितनी बीमारी फैलाता है इनका प्रदूषण
पटाखों से होता कई जिन्दगियों का हरण
पटाखे न चलाने की उठाएं आओ
अब हम एक शपथ नयी निराली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली।

इस दीवाली नये हम वस्त्र न खरीदें
पूरी करें चलो उनकी कुछ उम्मीदें
जो नहीं जानते किसी भी त्योहार को
वे तो बस भुगत रहे जिन्दगी के व्यवहार को
उनके लिए लाएं भोजन और कपड़े
कोई न हो पेट भूखा
कोई न हाथ हो खाली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली
आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली।

—रंजना माथुर दिनांक 09/10/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
319 Views
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