Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2017 · 1 min read

*अपनो की तरहा हो तुम*

अपनो की तरहा हो तुम

मेरीे आँखों मे सपनो की तरहा हो तुम।।
गैर होकर भी अपनो की तरहा हो तुम।।

किसी भी तरहा से न दूर रहा करो,,
ये सितम भी हम पे न यू किया करो,,
बस हमारे ही हमारो की तरहा हो तुम।।

वीरान सी जिंदगी की जरूरत हो,,
इन नजरो मे ही बहुत खूबसूरत हो,,
इन सब बेगानों की ही तरहा तो न हो तुम।।

सब्र इम्तहान इश्क की पहचान हो,,
मेरी जिंदगी जान और ये जहांन हो,,
दुनिया के और अनजानों की तरहा न हो तुम।।

सब तरफ नज़ारे तुम्हारे ही हो ये है,,
इस दिल की तुम आराजु ही हो ये है,,
दिल की महफ़िल मै तरानों की तरहा हो तुम।।

मेरी तमन्नाओ की राह तरहा हो तुम,,
मनु जिंदगी बने सलाह तरहा हो तुम,,

मानक लाल मनु

Language: Hindi
176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
Rj Anand Prajapati
गुस्सा करते–करते हम सैचुरेटेड हो जाते हैं, और, हम वाजिब गुस्
गुस्सा करते–करते हम सैचुरेटेड हो जाते हैं, और, हम वाजिब गुस्
Dr MusafiR BaithA
"नॉनसेंस" का
*Author प्रणय प्रभात*
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
पूर्वार्थ
गांव का दृश्य
गांव का दृश्य
Mukesh Kumar Sonkar
काग़ज़ ना कोई क़लम,
काग़ज़ ना कोई क़लम,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐Prodigy Love-46💐
💐Prodigy Love-46💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण  कटार  धरो माँ।
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
छपास रोग की खुजलम खुजलई
छपास रोग की खुजलम खुजलई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
Sarfaraz Ahmed Aasee
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Ram Krishan Rastogi
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
दादी की वह बोरसी
दादी की वह बोरसी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
*तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)*
*तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कातिल
कातिल
Dr. Kishan tandon kranti
सभी मां बाप को सादर समर्पित 🌹🙏
सभी मां बाप को सादर समर्पित 🌹🙏
सत्य कुमार प्रेमी
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
ज़िंदा हूं
ज़िंदा हूं
Sanjay ' शून्य'
क्या मेरा
क्या मेरा
Dr fauzia Naseem shad
मारुति
मारुति
Kavita Chouhan
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Manisha Manjari
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...