अपने बन जाओ
बस तुम मेरे अपने बन जाओ,,,,
इन आँखो के सपने बन जाओ,,,,
वीरानी सी इस दुनिया मे,,,,
दिल की तुम धड़कन बन जाओ,,,,
मेरी इस बेचैनी को समझो,,,,
दूर से ही मनोरंजन बन जाओ,,,,
सर्द है मौसम तन्हाई है,,,,
तुम हल्की सी तपन बन जाओ,,,,
बस अब हद से गुजरू,,,,
ऐसी तुम फिसलन बन जाओ,,,,
✍सोनु जैन,,,मंदसौर,,,