अपनी पहचान बतानी होगी
न जाने सदियों से दमन होता आ रहा हैं
नारी क्यो सब सहती आ रही हैं ?
क्यो अपने को कमजोर की श्रेणी में मानती हैं?
आज नारी शिक्षित हो रही हैं स्वतंत्र जीना सीख गई है
अब अवणे को अबला,बेचारी नही मानती
क्यो माने? आखिर आज हर क्षेत्र में कदम रखा है
अपना स्वयम परचम लहराया हैं
दमन का विरोध वो अब सीख गई हैं
अब सिर उठाकर चलना सीख लिया है
क्यो आखिर अन्याय होता आ रहा था
गलत को गलत बोलना सीख लिया है
पुरानी दमन नीति को उखाड़ फेक आज आगे बढ़ रही हैं
हमको मिलकर आगे आना होगा
संयम से अपनी पहचान बतानी होगी
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद