Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2017 · 1 min read

अपनी किस्मत….

आज मैं अपनी किस्मत को, फिर आजमाने चल पड़ा हूं !!

देखना है क्या मिलता है, नसीब को मेरे !

आज पुरानी राहों पर, फिर मैं अकेला सा खड़ा हूं !!

हर सितम किस्मत का, मंजूर है मुझे !

पर देखना है अस्कों का दरिया भरने, क्या बस मैं अकेला खड़ा हूं!!

गर ना मिल पाए साथ उसका ए खुदा !

तो उठा लेना मुझे, ए खुदा क्योंकि वर्षों से बस में अधमरा पड़ा हूं!!₹..

रंजीत

Language: Hindi
258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शब्द मधुर उत्तम  वाणी
शब्द मधुर उत्तम वाणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"फ़िर से आज तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
काश.......
काश.......
Faiza Tasleem
मुक्तक
मुक्तक
Rajkumar Bhatt
मै भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मै भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
विमला महरिया मौज
जाति बनाम जातिवाद।
जाति बनाम जातिवाद।
Acharya Rama Nand Mandal
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
हूं बहारों का मौसम
हूं बहारों का मौसम
साहित्य गौरव
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
एक तेरे चले जाने से कितनी
एक तेरे चले जाने से कितनी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
लक्ष्मी सिंह
आप दिलकश जो है
आप दिलकश जो है
gurudeenverma198
अब नये साल में
अब नये साल में
डॉ. शिव लहरी
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ आज का शेर अपने यक़ीन के नाम।
■ आज का शेर अपने यक़ीन के नाम।
*Author प्रणय प्रभात*
जो भी मिलता है दिलजार करता है
जो भी मिलता है दिलजार करता है
कवि दीपक बवेजा
बम भोले।
बम भोले।
Anil Mishra Prahari
वर्तमान भी छूट रहा
वर्तमान भी छूट रहा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुक्ती
मुक्ती
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
श्री कृष्ण अवतार
श्री कृष्ण अवतार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
खूबसूरत चेहरे
खूबसूरत चेहरे
Prem Farrukhabadi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
हिंदी क्या है
हिंदी क्या है
Ravi Shukla
ऐसे लहज़े में जब लिखते हो प्रीत को,
ऐसे लहज़े में जब लिखते हो प्रीत को,
Amit Pathak
💐प्रेम कौतुक-179💐
💐प्रेम कौतुक-179💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
थोपा गया कर्तव्य  बोझ जैसा होता है । उसमें समर्पण और सेवा-भा
थोपा गया कर्तव्य बोझ जैसा होता है । उसमें समर्पण और सेवा-भा
Seema Verma
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...