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19 Oct 2017 · 1 min read

अपनी किस्मत….

आज मैं अपनी किस्मत को, फिर आजमाने चल पड़ा हूं !!

देखना है क्या मिलता है, नसीब को मेरे !

आज पुरानी राहों पर, फिर मैं अकेला सा खड़ा हूं !!

हर सितम किस्मत का, मंजूर है मुझे !

पर देखना है अस्कों का दरिया भरने, क्या बस मैं अकेला खड़ा हूं!!

गर ना मिल पाए साथ उसका ए खुदा !

तो उठा लेना मुझे, ए खुदा क्योंकि वर्षों से बस में अधमरा पड़ा हूं!!₹..

रंजीत

Language: Hindi
263 Views
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