Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2016 · 1 min read

अन्य

भोर का सुहाना चित्र

रक्तिम आभा ले उगता है, प्राची में दिनकर,
उषा किरण की डोली बैठी, धूप नवल चढ़कर।
आशाओं की डोरी थामे, भोर उतरती है,
सृष्टि रचयिता धरणी हँसती, फूलों पर थमकर।

दिनकर सौंपे विकल धरा को, सतरंगी चूनर,
दूर क्षितिज में सेज नगों की , लेता बाँहों भर।
पंछी कलरव करते मधुरिम, मंगल गान करें,
प्रखर दीप्त, आलोकित, अरुणिम, दृश्य बड़ा मनहर।

वीर बहूटी धरा प्रणय की , पाती पढ़ पढ़ कर,
दान बाँटती मंजुलता का, दसों दिशा खुलकर।
प्रकृति नटी का रूप सलोना, ईश्वर की लीला,
द्रुमदल, कंज, भ्रमर हँस कहते,”जीवन है सुंदर”।।

दीपशिखा सागर-

Language: Hindi
416 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
Kumar lalit
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ईश्वर की आँखों में
ईश्वर की आँखों में
Dr. Kishan tandon kranti
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
है नसीब अपना अपना-अपना
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
ऐसी भी होगी एक सुबह, सूरज भी हो जाएगा नतमस्तक देख कर तेरी ये
ऐसी भी होगी एक सुबह, सूरज भी हो जाएगा नतमस्तक देख कर तेरी ये
Vaishaligoel
■ इलाज बस एक ही...
■ इलाज बस एक ही...
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे
मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"आत्मकथा"
Rajesh vyas
फागुन
फागुन
Punam Pande
सविता की बहती किरणें...
सविता की बहती किरणें...
Santosh Soni
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
✍️ख्वाहिशें जिंदगी से ✍️
✍️ख्वाहिशें जिंदगी से ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
रूठना मनाना
रूठना मनाना
Aman Kumar Holy
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
Kailash singh
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नारी
नारी
Acharya Rama Nand Mandal
8. टूटा आईना
8. टूटा आईना
Rajeev Dutta
रख धैर्य, हृदय पाषाण  करो।
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
अभिनव अदम्य
मर्दों वाला काम
मर्दों वाला काम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जब से मेरी आशिकी,
जब से मेरी आशिकी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
Kathputali bana sansar
Kathputali bana sansar
Sakshi Tripathi
पुरातत्वविद
पुरातत्वविद
Kunal Prashant
* लेकर झाड़ू चल पड़े ,कोने में जन चार【हास्य कुंडलिया】*
* लेकर झाड़ू चल पड़े ,कोने में जन चार【हास्य कुंडलिया】*
Ravi Prakash
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
Rituraj shivem verma
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
Loading...