अनुनय विनय करूँ मैं तेरी , हे मनमोहन हे गिरधारी
अनुनय विनय करूँ मैं तेरी , हे मनमोहन हे गिरधारी
चरण कमल तेरे बलि – बलि जाऊँ , हे मुरलीधर हे बनवारी
निर्धन हूँ मैं धन चाहूँ न, मैं तो केवल दर्शन अभिलाषी
हो जाए प्रभु कृपा तुम्हारी, हे मनमोहन हे गिरधारी
तुम तो सबके रखवाले हो , विनती मेरी भी तुम सुन लो
हम सब तुम पर जाएँ बलिहारी, हे मनमोहन हे गिरधारी
दया धर्म का मार्ग बताओ, नेक राह पर लेकर आओ
मोक्ष मार्ग दिखलाओ प्रभु, हे मनमोहन हे गिरधारी
सच्चाई की राह दिखाओ , जीवन सबका पुण्य बनाओ
कीर्ति मार्ग पर लाओ भगवन, हे मनमोहन हे गिरधारी